“एक भारत श्रेष्ठ भारत” पहल के अंतर्गत, केन्द्रीय विद्यालय (KV) स्कूलों में भारत की सांस्कृतिक विविधता को मनाने के लिए एक श्रृंखला राज्य-विशिष्ट नृत्य प्रस्तुतियों का आयोजन किया जा रहा है। इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न राज्यों के अनूठे नृत्य रूपों को प्रस्तुत करके उनकी सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को समझाना है।
राज्य-विशिष्ट नृत्य प्रस्तुतियाँ:
- संस्कृतिक प्रदर्शन: प्रत्येक नृत्य प्रस्तुति भारत के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक और समकालीन नृत्य शैलियों का प्रतिनिधित्व करती है। छात्रों को उत्तर प्रदेश का कथक, तमिलनाडु का भरतनाट्यम, पंजाब का भांगड़ा, और ओडिशा का ओडिसी जैसे नृत्य रूप सीखने और प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाता है।
- शैक्षिक कार्यशालाएँ: प्रस्तुतियों के पूर्व, छात्रों को कार्यशालाओं में भाग लेने का मौका मिलता है, जहां वे नृत्य रूपों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में सीखते हैं। इन कार्यशालाओं में पारंपरिक नृत्य तकनीकों और वस्त्रों के साथ व्यावहारिक अभ्यास भी शामिल होता है।
- इंटरैक्टिव लर्निंग: छात्रों को संवादात्मक सत्रों में भाग लेने का अवसर मिलता है, जहां वे प्रत्येक नृत्य रूप से संबंधित क्षेत्रीय उत्पत्ति, संगीत, वस्त्र, और प्रतीकात्मक इशारों पर चर्चा करते हैं। यह दृष्टिकोण भारतीय नृत्य परंपराओं की विविधता और समृद्धि की गहरी समझ पैदा करता है।
- प्रस्तुति कार्यक्रम: इन गतिविधियों की समाप्ति स्कूल में आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से होती है, जहां छात्र सीखे गए नृत्यों का प्रदर्शन करते हैं। इन प्रस्तुतियों के साथ नृत्य के सांस्कृतिक संदर्भ की व्याख्या भी की जाती है, जिससे दर्शकों को नृत्य के पीछे की परंपराओं और कहानियों की जानकारी मिलती है।
- सांस्कृतिक सराहना: इन राज्य-विशिष्ट नृत्य गतिविधियों में भाग लेकर, छात्र न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता के प्रति एक गहरी समझ और सम्मान भी प्राप्त करते हैं। ये प्रदर्शन “एक भारत श्रेष्ठ भारत” पहल की भावना को साकार करते हुए देश की एकता और विविधता का उत्सव बनाते हैं।
इन नृत्य गतिविधियों का उद्देश्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राष्ट्रीय गर्व का माहौल पैदा करना है, जो भारत की नृत्य धरोहर की सुंदरता को उजागर करता है और छात्रों को उनके राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता के करीब लाता है।